सूर्य ग्रहण के ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रभाव

सूर्य ग्रहण के ज्योतिष शास्त्र के 
अनुसार प्रभाव 



विज्ञान के अनुसार यह मात्र खगोलीय घटना है। शुभ अशुभ जैसी बात नहीं होती है। मानव भावी हानि की आशंका के कारण इस तरह की सोच रखता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सूर्य ग्रहण धनु राशि व मूल नक्षत्र में हुआ है तथा ग्रहण के समय कुंडली में प्रथम या लग्न में छः ग्रह एक साथ बैठै है। इस स्थान से राष्ट्र की उन्नति सामान्य स्थिति तथा लीडरों की सफलता तथा जनता तथा आंतरिक व्यापार को देखा जाता है। यहा सूर्य बुध गुरू ओर चन्द्र पर राहू का संयोग इन सब क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। जनता में असंतोष तथा राष्ट्र के आन्तरिक व्यापार धंधो में बाधा तथा उन्नति होने में परेशानियां आयेगी । गुरु तथा शनि जो कानून से सम्बन्ध रखते हैं उन्हे यह राहू अगले वर्ष नवम्बर 2020 तक प्रभावी करने में बाधा पहुंचाने का काम करेगा। धन के समबन्धित बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं पर संकट के बादल छाये रहेगे तथा बडे स्तर पर वित्तीय घोटाले उभर कर सामने आयेगे । देश की समपतियो व धन जन को सुरक्षित रखने के प्रयास ज्यादा करने होगे। राहू दूसरे देशों के सम्बन्ध व व्यापार को गडबडा देगा। फिल्म से सम्बन्ध रखने वालों को भी इस ग्रहण से नुकसान होने के योग बन सकते हैं। 
फसलों को भी अनावश्यक हानि हो सकतीं हैं तथा सभी वर्गो मे असंतोष बना रह सकता है। बडे राजनेताओं पर पुलिस कार्यवाही तथा कई राज्यो के शासन व प्रशासन को नयी तरह की बाधाओं से सामना कर सकता है। धार्मिक उन्माद गुरु केतु बनायेगे तथा आंतरिक असंतोष बढायेगे।
यह सब ज्योतिषीय मान्यताऐ है जो घटना के घटने के संकेत देती है और एक मोटा अनुमान लगाती है। वास्तविकता में इस ग्रहण को केवल भावी हानि की आशंका के कारण ही नहीं देखा जाना चाहिए वरन सभी तरह के क्षेत्रों के लोगो को समझदारी व संयम से काम करना चाहिए ताकि किसी भी क्षेत्र में अशांति ना बने 
अगर ज्योतिष शास्त्र की माने तो इस ग्रहण से राजनैतिक उथल-पुथल होंगे तथा कई निर्णय टल जायेगे। व्यापार धंधो में बाधा उत्पन्न होंगी तथा जनता में असंतोष बढेगे। पर राष्ट्रीय सम्बन्ध बिगडने के योग तथा पड़ोस के देशों में युद्ध जैसी स्थितियां बन सकतीं हैं। उच्च वर्ग में मान प्रतिष्ठा ओर सम्मान को कम कर सकता है चाहे वह किसी भी क्षेत्र में क्यो ना हो हो। कुछ विशेष लोगों का स्थान रिक्त हो सकता है। इस ग्रहण के प्रभाव लगभग तीन मास तक रह सकते हैं।


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