अब्दुल्ला परिवार ने सचिन की कराई कांग्रेस में सुलह

अब्दुल्ला परिवार ने सचिन की कराई कांग्रेस में सुलह



पायलट की कांग्रेस से सुलह के पीछे अब्दुल्ला परिवार की भूमिका है। अब्दुल्ला परिवार के गांधी परिवार और कांग्रेस नेताओं से रिश्ते अच्छे हैं। फारुक और उमर अब्दुल्ला ने गुलाब नबी आजाद और अहमद पटेल के जरिए सचिन पायलट की वापसी की कोशिश शुरू की, जो देर से ही सही, लेकिन कामयाब हुई।


राजस्थान में महीने भर से चल रहा राजनीतिक संकट आखिरकार समाप्त हो गया। पायलट फिर से कांग्रेस में आ गए। राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत पायलट की वापसी नहीं चाहते थे, लेकिन पायलट की जरूरत कांग्रेस को राजस्थान और केंद्र दोनों जगह है। कहा जा रहा है कि पायलट की कांग्रेस में वापसी के पीछे अब्दुल्ला परिवार की भी भूमिका है।



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पायलट की कांग्रेस से सुलह के पीछे अब्दुल्ला परिवार की भूमिका है। अब्दुल्ला परिवार के गांधी परिवार और कांग्रेस नेताओं से रिश्ते अच्छे हैं। फारुक और उमर अब्दुल्ला ने गुलाब नबी आजाद और अहमद पटेल के जरिए सचिन पायलट की वापसी की कोशिश शुरू की, जो देर से ही सही, लेकिन कामयाब हुई। कांग्रेस के युवा नेताओं ने गांधी परिवार पर पायलट की वापसी का दबाब बनाया। दीपेंद्र हुड्डा और भंवर जितेंद्र सिंह पायलट और प्रियंका के बीच बातचीत का जरिया बने।







हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस को पायलट की राजस्थान में नहीं बल्कि केंद्र में जरूरत है। प्रियंका गांधी यूपी में कांग्रेस की 2022 के लिए जमीन तैयार करने के लिए मेहनत कर रही हैं। यूपी की 55 विधानसभा सीटों और 15 लोकसभा सीटों पर गुर्जर मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। ऐसे में अगर पायलट कांग्रेस छोड़ देते हैं तो पार्टी को 2022 यूपी और 2024 के लोकसभा चुनाव में गुर्जर बहुल सीटों पर नुकसान झेलना पड़ सकता है। राजस्थान में पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान की 30 सीटों पर गुर्जर मतदाता निर्णायक हैं।


पायलट की राजस्थान ही नहीं, देशभर में गुर्जर नेताओं पर पकड़ है। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, दिल्ली समेत उतर भारत में गुर्जर मतदाता की संख्या ख़ासी है। इसके अलावा पायलट की बगावत के बाद अगर वसुंधरा सक्रिय होतीं तो गहलोत सरकार को गिराया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वसुंधरा पर आरोप लगे कि वे गहलोत सरकार की मदद कर रही हैं। एक महीने के इंतजार के बाद पायलट गुट समझ गया कि गहलोत सरकार गिराने में वसुंधरा की कोई रुचि नहीं है। ऐसे में पायलट गुट ने कांग्रेस में वापसी के रास्ते तलाशने शुरू कर दिए।








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