एफपीओ 【 FPO 】 के प्रमोशन से कृषि वस्तुओं के निर्यात बढ़ाने को उठा रहे ये कदम
एफपीओ 【 FPO 】 के प्रमोशन से कृषि वस्तुओं के निर्यात बढ़ाने को उठा रहे ये कदम :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 तक कृषि उत्पादों का निर्यात 3,000 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर 6,000 करोड़ डॉलर यानी दोगुना करने का एलान किया था।
इसके लिए कृषि क्षेत्र को लगातार मदद भी दी जा रही है। इसी दिशा में "【 एफपीओ PFO 】" के गठन की रफ्तार बढ़ाई गई, ताकि छोटी जोत के किसानों को साथ जोड़कर उन्हें मजूबत उत्पादक किसान बनाया जाए।
नाबार्ड, स्मॉल फार्मर्स एग्रीबिजनेस कंसोर्टियम (SFAC), सीएसआर और को-ऑपरेटिव सोसाइटीज को एफपीओ के गठन का जिम्मेदारी सौंपी गई। मजबूत कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये निवेश का फैसला लिया है।
पूर्वोत्तर राज्यों में नई करवट ले रही खेती ...
वैश्विक बाजार की मांग के चलते बासमती व गैर-बासमती चावल का निर्यात नई ऊंचाइयों पर है। लेकिन स्वास्थ्य के लिए हितकर कहे जाने वाले काले चावल की मांग कई देशों से आई तो असम, मिजोरम, मणिपुर और नगालैंड जैसे गैर-चावल उत्पादक राज्यों में भी इसकी खेती शुरू हो गई। यहां से सीधे ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैंड और इटली को इस चावल का निर्यात होने लगा है। पूर्वोत्तर राज्यों के साथ देश के आदिवासी बहुल क्षेत्र 'हेल्थ फूड' के हब बनने लगे हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में हर राज्यों में गैर-परंपरागत खेती को भारी प्रोत्साहन मिलेगा।
किसान उत्पादक संगठन (FPO) को यही मंत्र दिया गया है ! अतः , किसानों को एफपीओ ( FPO ) का निबंधन कर , आय में वृद्धि के लिए नाबार्ड एवं उपरोक्त अन्य संस्थानों से संपर्क करना चाहिए !
विशेष जानकारी के लिए संपर्क करें :
9679472555 , 9431003698 , 9835433805
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