कर्नाटक : येदियुरप्पा से छिना सीएम का ताज, बहुमत का दंगल हार गई बीजेपी
कर्नाटक : बहुमत का दंगल हार गई बीजेपी, येदियुरप्पा से छिना सीएम का ताज।
कर्नाटक विधानसभा में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार बहुमत साबित करने में बीजेपी आखिरकार नाकाम रही. बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े नहीं जुटाने के कारण बीजेपी की काफी किरकिरी भी हुई.
पहले ही सीएम पद की शपथ ले चुके येदियुरप्पा का कॉन्फिडेंस शक्तिपरीक्षण से पहले ही लड़खड़ाता दिख रहा था.
आखिरकार हुआ वहीं जिसका बीजेपी को डर था. बहुमत के लिए जरूरी संख्या बल नहीं मिलने के कारण बीजेपी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा, वहीं जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया.
दिन भर चली गहमागहमी के बीच लोगों की निगाहें बीजेपी, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन और कर्नाटक विधानसभा पर टिकी रही. अंतिम परिणाम जो आया उसने येदियुरप्पा से कर्नाटक का ताज छीन लिया.
येदियुरप्पा ने दिया भावुक भाषण।
सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले येदियुरप्पा ने तीन बजे के करीब अमित शाह से बात की थी और उन्हें स्थितियों से अवगत कराते हुए निर्देश प्राप्त किया. जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब येदियुरप्पा ने एक भावुक भाषण देते हुए।
कहा कि इस चुनाव में हम सभी एक दूसरे के खिलाफ लड़े. कर्नाटक की जनता ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के रुप मे उभारा. उन्होंने कहा कि मैं सदैव अपने किसान भाइयों की चिंता करता रहा हूं, उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रयासरत रहा हूं।
और जब तक जीवित हूं प्रयास करता रहूंगा. सभी दलों को किसानों के लिए प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में संसाधनों की कोई कमी नहीं है, लेकिन ईमानदार नेतृत्व की जरूरत है. आज मेरी अग्निपरीक्षा है. मैं जीवन भर जंग लड़ता रहा हूं.
उन्होंने भावुक मन से कहा कि आप सोच के देखिए अगर हमें 113 सीटें दी होती तो राज्य की तस्वीर बदल जाती. येदियुरप्पा ने कहा कि मैं जनता के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि हमें अपार सहयोग दिया. येदियुरप्पा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि.
कांग्रेस की चाल से देश को नुकसान पहुंचा है. मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं. यहां से मैं सीधे राज्यपाल के पास जाऊंगा और उनसे मुलाकात कर इस्तीफा पेश करूंगा.
जादुई आंकड़ा जुटाना बीजेपी के लिए रहा कठिन।
आपको बता दें कि बीजेपी के लिए सदन में 112 विधायकों का जादुई आंकड़ा जुटा पाना एक एक कठिन चुनौती साबित हुआ, जिसमें सफल नहीं होने पर उसे सत्ता गंवानी पड़ी. फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस-जेडीएस ने अपने एक-एक विधायकों पर पहरा लगा रखा था,
वहीं पूरे घटनाक्रम पर सुप्रीम कोर्ट की भी नजर थी. राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा सरकार को शपथ भले ही दिला दी थी, लेकिन ऐसी पांच वजहें थीं जिनके चलते येदियुरप्पा की सरकार का जाना तय माना जा रहा था.
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