क्या नंबर न होने की वजह से BJP ने आपको डंप किया, सचिन पायलट ने दिया यह जवाब
नई दिल्ली: राजस्थान का सियासी घमासान अब सुलझता हुआ नजर आ रहा है, पूरे मामले के दौरान मीडिया से दूरी बनाए रहे सचिन पायलट ने इस मामलों को लेकर NDTV से खास बात की.अपनी वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले 6.5 साल से पार्टी के अध्यक्ष पद पर रहकर काम करने का मौका मिला. इस दौरान हमनें बहुत मेहनत करके पार्टी को एक मुकाम दिलाया. पायलट ने कहा कि सरकार बनाने में जिन लोगों का योगदान रहा है उनके मान सम्मान को लेकर मैंने पार्टी आलाकमान के सामने कुछ बात रखीं. उन्होंने एक स्पेस की मांग करते हुए हमने जो वादे किए थे, उसे कैसे पूरा किया जाए इस पर चर्चा हुआ है, उन्होंने बताया कि मुझे खुशी है कि मेरी बातों का आलाकमान ने संज्ञान लिया है और इसके निराकरण के लिए रोडमैप तैयार किया है, मुझे विश्वास है कि इसका समाधान जल्द ही होगा.
गहलोत के बयान पर प्रक्रिया
सीएम गहलोत के साथ खींचतान पर बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि राजनीति में मुद्दे महत्वपूर्ण होते हैं. गहलोत के निकम्मा और नकारा जैसे बयानों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि बयानों से ज्यादा जरूरी जनता को किए गए वादे हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति में सिद्धांत और मुद्दे महत्वपूर्ण हैं. सचिन के अनुसार मैंने अपने और अपने साथियों को लेकर कुछ बातें सबके सामने रखी जिसका रिएक्शन अच्छा नहीं आया. उन्होंने कहा कि 7 करोड़ लोगों से जो वादे हमने किए थे आज उन्हें पूरा करने का समय है. और उसी दिशा में हम काम करेंगे.
क्या बीजेपी के साथ नहीं बनी बात?
इस पूरे प्रकरण के दौरान पायलट पर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने का आरोप लगता रहा. सीएम गहलोत ने खुद कहा कि पायलट बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है. एनडीटीवी ने उनसे पूछा कि क्या नंबर नहीं होने के कारण बीजेपी ने आपको डंप कर दिया. इस सवाल के जवाब में पायलट ने कहा कि न तो हम डंप करने वाले है और न ही किसी को डंप करना चाहते थे. पार्टी के मुद्दे उठाने का अधिकार हमारे पास हैं और हमने बस यही किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान मैंने और न मेरे साथियों ने सरकार या कांग्रेस के खिलाफ कोई टिप्पणी की.
बगावती तेवर क्यों?
सचिन पायलट ने साफ कर दिया कि वह पार्टी के खिलाफ बगावत नहीं कर रहे थे बल्कि अपनी बातें रख रहे थे. उन्होंने कहा कि बड़ा आसान है अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना या फिर किसी पर सवाल उठा देना. मैंने सिर्फ सैद्धांतिक तौर कुछ सवाल उठाए थे. मुझे पद की लालसा नहीं है. पार्टी ने जो काम दिए हैं अब तक उसे निष्ठा के साथ काम किया है.
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